V.S Awasthi

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मुझको छोटा रखना भगवान

प्रतियोगिता हेतु रचना 
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मुझको छोटा रखना भगवान 
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मुझको छोटा रखना भगवान, मुझे नहीं बनना धनवान।
करुणा,दया, धर्म का प्रभु 
दिल में मेरे भर देना ज्ञान।।
अहंकार यदि आ जाए तो 
उसको हर लेना भगवान।
यश, वैभव की चाह नहीं
मुझमें है तनिक नहीं अभिमान।।
मुझको छोटा रखना भगवान, मुझे नहीं बनना धनवान।

धन आया तो मोह बढ़ेगा
लालच और अभिमान बढ़ेगा।
दुष्कर्म भी तो बढ़ जाएंगे मानवता को नष्ट करेगा।।
मुझको मानव रखना भगवान, मुझे नहीं बनना शैतान।
मुझको छोटा रखना भगवान,मुझे नहीं बनना धनवान।।

दया भाव का गुण दे देना।
सारे अवगुण तुम हर लेना।।
अहंकार से दूर रहूं मैं
ऐसा कुछ करना भगवान।
मुझको छोटा रखना भगवान मुझे नहीं बनना धनवान।।

पथिक भी तेरी शरण में आया,अहंकार झोली भर लाया।
मेरे कुछ भी पास नहीं
तन,मन,धन सब कुछ तेरा उपजाया।।
मुझको कुछ भी नहीं है ज्ञान क्या अर्पण कर दूं भगवान।
मुझको छोटा रखना भगवानमुझे नहीं बनना धनवान।।

विद्या शंकर अवस्थी पथिक कानपुर

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3 Comments

Gunjan Kamal

03-Jun-2024 04:00 PM

👌🏻👏🏻

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Mohammed urooj khan

15-May-2024 11:33 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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kashish

15-May-2024 08:24 PM

V nice

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